हम 'जीवन की लय' की बातें करते हैं और कई बार अफसोस जताते हैं कि हमारे समय में ये खो चुकी है। जीवन की यही लय पूरे विश्व में कविता के बीज रोपती है।
अशोक वाजपेयी: किसी को ये लग सकता है कि दुनिया केवल जानवरों के लिए है, पर यह इंसानों के लिए भी है
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